मंगलवार, 25 अगस्त 2015

विदुर नीति

         महात्मा विदुर धर्म के अवतार माने जाते हैं। माण्डव ऋषि के श्राप से उन्हें शूद्रयोनि में जन्म लेना पड़ा। ये महाराज विचित्रवीर्य की दासी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। इस प्रकार ये पाण्डु और धृतराष्ट्र के एक तरह से सगे भाई थे। विदुर बड़े ही बुद्धिमान, नीतिज्ञ, धर्मज्ञ , विद्वान , सदाचारी एवं भगवद्भक्त थे।
Mahatma Vidur महात्मा विदुर“विदुर नीति” महाभारत का एक प्रमुख भाग है जिसमे महात्मा विदुर जी ने राजा धृतराष्ट्र को लोक-परलोक में कल्याण करने वाली बातें बताई हैं। आइये हम उनके कुछ अनमोल वचनों को जानते हैं :

1. जो अच्छे कर्म करता है और बुरे कर्मों से दूर रहता है , साथ ही जो ईश्वर में भरोसा रखता है और श्रद्धालु है , उसके ये सद्गुण पंडित होने के लक्षण हैं।
2. जो अपना आदर-सम्मान होने पर ख़ुशी से फूल नहीं उठता , और अनादर होने पर क्रोधित नहीं होता तथा गंगाजी के कुण्ड के सामान जिसका मन अशांत नहीं होता , वह ज्ञानी कहलाता है।।
3. मूढ़ चित्त वाला नीच व्यक्ति बिना बुलाये ही अंदर चला आता है , बिना पूछे ही बोलने लगता है तथा जो विश्वाश करने योग्य नहीं हैं उनपर भी विश्वाश कर लेता है।
4. जो बहुत धन , विद्या तथा ऐश्वर्यको पाकर भी इठलाता नहीं चलता , वह पंडित कहलाता है।
5. मनुष्य अकेला पाप करता है और बहुत से लोग उसका आनंद उठाते हैं। आनंद उठाने वाले तो बच जाते हैं ; पर पाप करने वाला दोष का भागी होता है।
6. किसी धनुर्धर वीर के द्वारा छोड़ा हुआ बाण संभव है किसी एक को भी मारे या न मारे। मगर बुद्धिमान द्वारा प्रयुक्त की हुई बुद्धि राजा के साथ-साथ सम्पूर्ण राष्ट्र का विनाश कर सकती है।।
7. विदुर धृतराष्ट्र को समझाते हुए कहते हैं : राजन ! जैसे समुद्र के पार जाने के लिए नाव ही एकमात्र साधन है , उसी प्रकार स्वर्ग के लिए सत्य ही एकमात्र सीढ़ी है , कुछ और नहीं , किन्तु आप इसे नहीं समझ रहे हैं।
8. केवल धर्म ही परम कल्याणकारक है , एकमात्र क्षमा ही शांति का सर्वश्रेष्ठ उपाय है। एक विद्या ही परम संतोष देने वाली है और एकमात्र अहिंसा ही सुख देने वाली है।
9. विदुर धृतराष्ट्र से कहते हैं : राजन ! ये दो प्रकार के पुरुष स्वर्ग के भी ऊपर स्थान पाते हैं – शक्तिशाली होने पर भी क्षमा करने वाला और निर्धन होने पर भी दान देनेवाला ।
10. काम, क्रोध , और लोभ – ये आत्मा का नाश करने वाले नरक के तीन दरवाजे हैं , अतः इन तीनो को त्याग देना चाहिए।
11. भरतश्रेष्ठ ! पिता , माता अग्नि ,आत्मा और गुरु – मनुष्य को इन पांच अग्नियों की बड़े यत्न से सेवा करनी चाहिए।
12. ऐश्वर्य या उन्नति चाहने वाले पुरुषों को नींद, तन्द्रा (उंघना ), डर, क्रोध ,आलस्य तथा दीर्घसूत्रता (जल्दी हो जाने वाले कामों में अधिक समय लगाने की आदत )- इन छ: दुर्गुणों को त्याग देना चाहिए।
13. मनुष्य को कभी भी सत्य ,दान , कर्मण्यता , अनसूया (गुणों में दोष दिखाने की प्रवृत्तिका अभाव ), क्षमा तथा धैर्य – इन छः गुणों का त्याग नहीं करना चाहिए।
14. मन में नित्य रहने वाले छः शत्रु – काम, क्रोध, लोभ , मोह , मद तथा मात्सर्य को जो वश में कर लेता है , वह जितेन्द्रिय पुरुष पापों से ही लिप्त नहीं होता, फिर उनसे उत्पन्न होने वाले अनर्थों की बात ही क्या है।
15. ईर्ष्या करने वाला , घृणा करने वाला , असंतोषी , क्रोधी , सदा संकित रहने वाला और दूसरों के भाग्य पर जीवन-निर्वाह करने वाला – ये छः सदा दुखी रहते हैं।
16. बुद्धि, कुलीनता, इन्द्रियनिग्रह, शास्त्रज्ञान, पराक्रम, अधिक न बोलना, शक्ति के अनुसार दान और कृतज्ञता – ये आठ गन पुरुष की ख्याति बढ़ा देते हैं।
17. जो धुरंधर महापुरुष आपत्ति पड़ने पर कभी दुखी नहीं होता, बल्कि सावधानी के साथ उद्योग का आश्रय लेता है तथा समयपर दुःख सहता है, उसके शत्रु तो पराजित ही हैं।
18. जो कभी उद्यंडका-सा वेष नहीं बनाता, दूसरों के सामने अपने पराक्रम की डींग नही हांकता , क्रोध से व्याकुल होने पर भी कटुवचन नहीं बोलता, उस मनुष्य को लोग सदा ही प्यारा बना लेते हैं।
19. किसी प्रयोजन से किये गए कर्मों में पहले प्रयोजन को समझ लेना चाहिए। खूब सोच-विचार कर काम करना चाहिए, जल्दबाजी से किसी काम का आरम्भ नहीं करना चाहिए।
20. मछली बढ़िया चारे से ढकी हुई लोहे की कांटी को लोभ में पड़कर निगल जाती है, उससे होने वाले परिणाम पर विचार नहीं करती।

A Request/एक अनुरोध

              दोस्तों aapkijaankari.blogspot.in  के माध्यम से मैं आपसे एक बहुत ही आवश्यक अनुरोध करना चाहता हूँ. पर अनुरोध करने से पहले मैं आपसे कुछ बातें करना चाहूँगा.
भारत में यदि सबसे ज्यादा कोई भाषा बोली और समझी जाती है तो वह है Hindi. पूरी दुनिया में हिंदी, चाईनीज के बाद दूसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली मात्र भाषा है. 2001 Census Report के हिसाब से भारत में 41% से ज्यादा लोगों की मात्र भाषा हिंदी है. और इसके आलावा भी करोड़ो लोग हैं जिनकी मात्र भाषा बंगाली, मराठी, आदि है मगर हिंदी उनके लिए second language का काम करती है. निश्चित रूप से 2010 में इस संख्या में अच्छा खासा इजाफ़ा हो चुका होगा, तो अब कुछ नहीं तो 55-60 करोड़ लोग होंगे जो Hindi को आसानी से समझते होंगे.
चलिए एक और छोटी सी estimation  करते हैं : अगर बहुत positive अनुमान भी लगाया जाये तो इन 60 करोड़ लोगों में से मुश्किल से 10 करोड़ लोग होंगे जो English  भी उतनी ही सहजता से समझ लेते होंगे जितनी कि वो हिंदी समझ लेते हैं. पर फिर भी ऐसे 5o करोड़ लोग हैं जिन्हें Hindi ही अच्छे से समझ आती है.
अब  एक और बात, आज के इस दौर में सूचना के महत्त्व से कोई इंकार नहीं कर सकता है. चाहे किसी class 5 के बच्चे को कोई project बनाना हो या फिर किसी Research Scholar  को अपनी Ph.D पूरी करनी हो, सभी को सूचना यानि information चाहिए. यदि आज से दस साल पहले कि बात करें तो सूचना पाने के लिए या तो हम कोई book खोजते थे या फिर किसी और से उसके बारे में पूछते थे. लेकिन आज तो हमें कोई भी सूचना चाहिए हो तो हम बस Google महाराज को निर्देश दे देते हैं , और वो एक आदर्श सेवक कि तरह हमारे सामने सूचनाओं का अम्बार लगा देते हैं. पर दिक्कत ये है कि उनकी ज्यादातर सूचनाएं अंग्रेजी में होती हैं. चलिए एक उदाहरण लेते हैं :
मैंने गूगल पे सर्च किया “how to discover your life purpose”तो result कुछ यूं था—
पांच करोड़ तेईस लाख results 0.19 सेकंडस में
इस रिजल्ट के माध्यम से मुझे एक से बढ़ कर एक articles पढ़ने को मिले. जो सच-मुच मेरी personal-growth के लिए काफी लाभदायक हैं.
फिर मैंने गूगल पे सर्च किया “अपने जिंदगी का मकसद कैसे पता करें” तो result कुछ यूं था –
चौदह हज़ार पांच सौ results 0.07 सेकंड्स में 
इसमें भी अगर आप ध्यान दें तो दूसरे रिजल्ट का title है “ इंदिरा गाँधी की हत्या का पूरा सच ”,
और बाकी रिजल्ट्स भी किसी मतलब के नहीं हैं. यानि Hindi results में ना Quantity है ना Quality.
तो क्या इसका ये मतलब है कि जो लोग अंग्रेजी जानते हैं बस उन्हें ही ज्ञानवर्धक, अच्छे लेख जो वाकई में जिंदगी को सही दिशा और दशा दे सकते हैं; पढ़ने को मिलने चाहियें? क्या ये आपकी-हमारी जिम्मेदारी नहीं है की हम अपने लोगों के लिए कुछ करें?
देखिये दो चीजें हो सकती हैं . पहली – हम उन करोड़ो लोगों को अंग्रेजी सिखा दें, जो इतनी जल्दी संभव नहीं है या दूसरी हम अपने सम्मिलित प्रयासों से हिंदी भाषा में अंग्रेजी भाषा के समतुल्य या उससे भी बेहतर लेख इन्टरनेट पे उपलब्ध करा दें, जो निश्चित रूप से संभव है.
और यही आपसे मेरे अनुरोध है:
“ कृपया आप अपनी तरफ से कम से कम एक Hindi Article ज़रूर contribute करें.”
और अब, जब आप Hindi Typing उतनी ही आसानी से कर सकते हैं जितना की English Typing तो फिर चिंता किस बात की है. बस शुरू  हो जाइये.
आपके लेख किसी भी subject पे हो सकते हैं. जैसे:
  • आपके कार्य क्षेत्र से सम्बंधित उपयोगी जानकारियां. For Example: यदि कोई Architect का काम करता है तो वह मकान बनाते समय किन बातों का ध्यान रखें ?” इस विषय पर एक लेख लिख सकता है.
  • किसी Real Life Hero के बारे में कोई प्रेरणात्मक लेख.
  • कुछ ऐसी जानकारियां जो लोगो के लिए उपयोगी हो.
  • ऐसे लेख जो हमारे व्यकतित्व विकास (Personality Development) में सहायक हों.
  • इत्यादि.
आप अपने लेख/articles  हमें  ksushil923@gmail.com  पर भेज सकते हैं. 
 यदि आप ने पहले से ही कुछ अच्छे लेख लिख रखें  हैं तो आप उसे कंप्यूटर पे टाइप कर के या फिर SCAN  करा के भी हमें भेज सकते हैं. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और photo ( यदि आप चाहें) के साथ aapkijaankari.blogspot.in पर Publish करेंगे. Thanks.   

गुरुवार, 20 अगस्त 2015

सच्ची मदद

एक नन्हा परिंदा अपने परिवार-जनों से बिछड़ कर अपने आशियाने से बहुत दूर आ गया था । उस नन्हे परिंदे को अभी उड़ान भरने अच्छे से नहीं आता था… उसने उड़ना सीखना अभी शुरू ही किया था ! उधर नन्हे परिंदे के परिवार वाले बहुत परेशान थे और उसके आने की राह देख रहे थे । इधर नन्हा परिंदा भी समझ नहीं पा रहा था कि वो अपने आशियाने तक कैसे पहुंचे?
वह उड़ान भरने की काफी कोशिश कर रहा था पर बार-बार कुछ ऊपर उठ कर गिर जाता।
कुछ दूर से एक अनजान परिंदा अपने मित्र के साथ ये सब दृश्य बड़े गौर से देख रहा था । कुछ देर देखने के बाद वो दोनों परिंदे उस नन्हे परिंदे के करीब आ पहुंचे । नन्हा परिंदा उन्हें देख के पहले घबरा गया फिर उसने सोचा शायद ये उसकी मदद करें और उसे घर तक पहुंचा दें ।
उड़ान भरता पक्षी अनजान परिंदा – क्या हुआ नन्हे परिंदे काफी परेशान हो ?
नन्हा परिंदा – मैं रास्ता भटक गया हूँ और मुझे शाम होने से पहले अपने घर लौटना है । मुझे उड़ान भरना अभी अच्छे से नहीं आता । मेरे घर वाले बहुत परेशान हो रहे होंगे । आप मुझे उड़ान भरना सीखा सकते है ? मैं काफी देर से कोशिश कर रहा हूँ पर कामयाबी नहीं मिल पा रही है ।
अनजान परिंदा – (थोड़ी देर सोचने के बाद )- जब उड़ान भरना सीखा नहीं तो इतना दूर निकलने की क्या जरुरत थी ? वह अपने मित्र के साथ मिलकर नन्हे परिंदे का मज़ाक उड़ाने लगा ।
 उन लोगो की बातों से नन्हा परिंदा बहुत क्रोधित हो रहा था ।
अनजान परिंदा हँसते हुए बोला – देखो हम तो उड़ान भरना जानते हैं और अपनी मर्जी से कहीं भी जा सकते हैं । इतना कहकर अनजान परिंदे ने उस नन्हे परिंदे के सामने पहली उड़ान भरी । वह फिर थोड़ी देर बाद लौटकर आया और दो-चार कड़वी बातें बोल पुनः उड़ गया । ऐसा उसने पांच- छः बार किया और जब इस बार वो उड़ान भर के वापस आया तो नन्हा परिंदा वहां नहीं था ।
अनजान परिंदा अपने मित्र से- नन्हे परिंदे ने उड़ान भर ली ना? उस समय अनजान परिंदे के चेहरे पर ख़ुशी झलक रही थी ।
मित्र परिंदा – हाँ नन्हे परिंदे ने तो उड़ान भर ली लेकिन तुम इतना खुश क्यों हो रहे हो मित्र? तुमने तो उसका कितना मज़ाक बनाया ।
अनजान परिंदा – मित्र तुमने मेरी सिर्फ नकारात्मकता पर ध्यान दिया । लेकिन नन्हा परिंदा मेरी नकारात्मकता पर कम और सकारात्मकता पर ज्यादा ध्यान दे रहा था । इसका मतलब यह है कि उसने मेरे मज़ाक को अनदेखा करते हुए मेरी उड़ान भरने वाली चाल पर ज्यादा ध्यान दिया और वह उड़ान भरने में सफल हुआ ।
मित्र परिंदा – जब तुम्हे उसे उड़ान भरना सिखाना ही था तो उसका मज़ाक बनाकर क्यों सिखाया ?
अनजान परिंदा – मित्र, नन्हा परिंदा अपने जीवन की पहली बड़ी उड़ान भर रहा था और मैं उसके लिए अजनबी था । अगर मैं उसको सीधे तरीके से उड़ना सिखाता तो वह पूरी ज़िंदगी मेरे एहसान के नीचे दबा रहता और आगे भी शायद ज्यादा कोशिश खुद से नहीं करता ।
मैंने उस परिंदे के अंदर छिपी लगन देखी थी। जब मैंने उसको कोशिश करते हुए देखा था तभी समझ गया था इसे बस थोड़ी सी दिशा देने की जरुरत है और जो मैंने अनजाने में उसे दी और वो अपने मंजिल को पाने में कामयाब हुआ ।अब वो पूरी ज़िंदगी खुद से कोशिश करेगा और दूसरों से कम मदद मांगेगा । इसी के साथ उसके अंदर आत्मविश्वास भी ज्यादा बढ़ेगा ।
मित्र परिंदे ने अनजान परिंदे की तारीफ करते हुए बोला तुम बहुत महान हो, जिस तरह से तुमने उस नन्हे परिंदे की मदद की वही सच्ची मदद है !
Friends , सच्ची  मदद  वही  है  जो  मदद  पाने  वाले  को  ये  महसूस  न  होने  दे  कि  उसकी  मदद  की  गयी  है  . बहुत  बार  लोग  help तो  करते  हैं  पर  उसका  ढिंढोरा  पीटने  से  नहीं  चूकते . ऐसी  help किस  काम की  ! परिंदों  की  ये  कहानी  हम  इंसानो  के  लिए  भी  एक  सीख  है  कि  हम  लोगों  की  मदद  तो  करें  पर  उसे  जताएं नहीं !
Ankitaअंकिता आशू
क्वालिफिकेशन -एम .टेक , हैदराबाद
जन्मभूमि –बगहा (बिहार)
पिता का नाम –विजय प्रकाश पाठक
We are grateful to Ankita ji for sharing this inspirational story on “how to help people ?” . We wish him a great future ahead.
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रविवार, 16 अगस्त 2015

Dhirubhai Ambani Quotes in Hindi

                                                           
Dhirubhai Ambani Quotes in Hindi
                                                                    Dhirubhai Ambani
NameDheerubhai Ambani / धीरूभाई अंबानी
Born28 December 1932(1932-12-28)Chorwad, Gujarat, India
Died6 July 2002(2002-07-06) (aged 69)Mumbai, Maharashtra, India
NationalityIndian
FieldBusiness
Achievement
 Founded Reliance Industries, a Fortune 500 company. पेट्रोल पम्प पर काम करने से लेकर पेट्रो कैमिकल रीफाईनरी बनाने वाले इस महान व्यक्ति ने करोड़ों लोगों के लिए एक आदर्श स्थापित किया. इन्ही की वजह से एक आम- भारतीय भी स्टॉक मार्केट में रुचि दिखाने लगा. धीरुभाई ने साबित कर दिया कि साधारण से साधारण व्यक्ति भी बड़े से बड़ा सपना देख सकता है और उन्हें साकार कर सकता है.

धीरूभाई अंबानी के अनमोल विचार

Quote 1: एक  दिन  धीरुभाई  चला  जायेगा . लेकिन  Relaince के  कर्मचारी  और  शेयर  धारक  इसे  चलाते  रहेंगे . रिलायंस अब  एक  विचार  है  , जिसमे  अम्बानियों  का  कोई  अर्थ  नहीं  है .
 Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
Quote 2: बड़ा  सोचो , जल्दी  सोअचो , आगे  सोचो . विचारों  पर  किसी  का  एकाधिकार  नहीं  है .
 Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
Quote 3: हमारे  स्वप्न  विशाल   होने  चाहिए . हमारी  महत्त्वाकांक्षा  ऊँची  होनी  चाहिए . हमारी  प्रतिबद्धता  गहरी  होनी  चाहिए  और  हमारे  प्रयत्न  बड़े  होने  चाहिए . रिलायंस  और  भारत  के  लिए  यही  मेरा  सपना  है .
  Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
Quote 4:हम  अपने  शाशकों  को  नहीं  बदल  सकते  पर  जिस  तरह  वो  हम  पे  शाशन  करते  हैं  उसे  बदल  सकते  हैं .
  Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
Quote 5: फायदा  कमाने  के  लिए  न्योते  की  ज़रुरत  नहीं  होती .
  Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
Quote 6: रिलायंस  में  विकास  की  कोई  सीमा  नहीं  है . मैं  हमेशा  अपना   वीज़न  दोहराता  रहता  हूँ . सपने  देखकर  ही  आप  उन्हें  पूरा  कर  सकते  हैं .
  Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
Quote 7: यदि  आप  दृढ  संकल्प  और  पूर्णता  के  साथ  काम  करेंगे  तो  सफलता  ज़रूर  मिलेगी.
  Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
Quote 8: कठिन  समय  में  भी  अपने  लक्ष्य  को  मत  छोड़िये  और  विपत्ति  को  अवसर  में  बदलिए .
  Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
Quote 9: युवाओं  को  एक  अच्छा  वातावरण  दीजिये . उन्हें  प्रेरित  कीजिये . उन्हें  जो  चाहिए  वो   सहयोग  प्रदान  कीजिये . उसमे  से  हर  एक  आपार  उर्जा  का  श्रोत  है . वो  कर  दिखायेगा .
  Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
Quote 10: मेरे  भूत , वर्तमान  और  भविष्य  के  बीच  एक  आम  कारक  है  : रिश्ते  और  विश्वास  . यही  हमारे  विकास  की  नीव  हैं .
  Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
Quote 11: समय  सीमा  पर  काम  ख़तम  कर  लेना  काफी  नहीं  है  ,मैं  समय  सीमा  से  पहले  काम  ख़तम  होने  की  अपेक्षा  करता  हूँ .
 Dheerubhai Ambani  धीरूभाई अंबानी
                                निवेदन: कृपया अपने comments के मध्यम से बताएं कि Dhirubhai Ambani Quotes का हिंदी अनुवाद आपको कैसा लगा

शनिवार, 15 अगस्त 2015

खुश रहने वालो की 7 आदतें


The 7 Habits of Happy People

Friends, खुश  रहना  मनुष्य  का जन्मजात  स्वाभाव  होता  है . आखिर  एक  छोटा  बच्चा  अक्सर  खुश  क्यों  रहता  है ? क्यों  हम  कहते  हैं  कि  childhood days life के  best days होते  हैं ? क्योंकि  हम  पैदाईशी  HAPPY होते  हैं ;  पर  जैसे -जैसे  हम  बड़े  होते  हैं  हमारा  environment, हमरा समाज  हमारे  अन्दर  impurity घोलना  शुरू  कर  देता  है ….और  धीरे -धीरे  impurity का  level इतना  बढ़  जाता  है  कि  happiness का  natural state sadness के  natural state में  बदलने  लगता  है .
पर  ऐसा  सबके  साथ  नहीं  होता  है  दुनिया  में  ऐसे बहुत से  लोग  हैं  जो  अपनी  Happy रहने  की  natural state को  बचाए  रख  पाते  हैं  और  Life-time खुशहाल  रहते  हैं .
 तो  क्या  ऐसे  व्यक्ति  हमेशा  खुश  रहते  हैं ?  नहीं , औरों  की  तरह  उनके  जीवन  में  भी  दुःख-सुख  का  आना  जाना  लगा  रहता  है ,  पर  आम तौर  पर  ऐसे  व्यक्ति  व्यर्थ की   चिंता  में  नहीं  पड़ते और  अक्सर  हँसते -मुस्कुराते  और  खुश  रहते  हैं .
तो  सवाल  ये  उठता  है  कि  जब  ये  लोग  खुश  रह  सकते  हैं  तो बाकी  सब  क्यों  नहीं ?आखिर उनकी ऐसी कौन सी आदतें हैं जो  उन्हें दुनिया भर की टेंशन के बीच भी खुशहाल बनाये रखती हैं ? आज  इस  लेख  के  जरिये  मैं  आपके  साथ  खुशहाल लोगों की 7 आदतें share करने जा रहा हूँ  जो  शायद  आपको  भी  खुश  रहने  में  मदद  करें .तो  आइये  जानते  हैं उन सात आदतों को : 
Habit 1: खुश  रहने  वाले  अच्छाई  खोजते  हैं  बुराई  नहीं :
Human beings की  natural tendency होती  है  कि  वो  negativity को  जल्दी  catch करते  हैं . Psychologists इस  tendency को  “Negativity bias” कहते  हैं .  अधिकतर  लोग  दूसरों  में  जो कमी  होती  है  उसे  जल्दी देख  लेते  हैं  और  अच्छाई  की  तरफ  उतना  ध्यान  नहीं  देते  पर  खुश  रहने  वाले  तो  हर एक चीज  में , हर एक  situation में  अच्छाई  खोजते  हैं , वो  ये  मानते  हैं  कि  जो  होता  है  अच्छा  होता  है .  किसी  भी  व्यक्ति  में  अच्छाई  देखना  बहुत  आसान  है ,बस  आपको  खुद  से  एक  प्रश्न  करना  है , कि , “ आखिर  क्यों  यह  व्यक्ति  अच्छा  है ?” , और  यकीन  जानिये  आपका  मस्तिष्क  आपको  ऐसी  कई  अनुभव और  बातें  गिना  देगा  की  आप  उस  व्यक्ति  में  अच्छाई  दिखने  लगेगी .
एक  बात  और , आपको  अच्छाई  सिर्फ  लोगों  में  ही  नहीं  खोजनी  है , बल्कि  हर एक  situation में  आपको  positive रहना  है  और  उसमे  क्या  अच्छा  है  ये  देखना  है . For example , अगर  आप  किसी  job interview में  select नहीं  हुए  तो  आपको  ये  सोचना  चाहिए  कि  शायद  भागवान  ने  आपके  लिए  उससे  भी  अच्छी  job रखी  है जो आपको देर-सबेर  मिलेगी, और आप किसी अनुभवी व्यक्ति से पूछ भी सकते हैं, वो भी आपको यही बताएगा .
Habit 2: खुश  रहने  वाले  माफ़  करना  जानते  हैं  और  माफ़ी  माँगना  भी :
हर  किसी  का  अपना -अपना  ego होता  है , जो  जाने -अनजाने  औरों  द्वारा  hurt हो  सकता  है . पर  खुश  रहने  वाले  छोटी -मोती  बातों को  दिल  से  नहीं  लगाते  वो   माफ़  करना  जानते  हैं , सिर्फ  दूसरों  को  नहीं  बल्कि  खुद  को  भी .
और  इसके  उलट  यदि  ऐसे  लोगों  से  कोई  गलती  हो  जाती  है , तो  वो  माफ़ी  मांगने  से  भी  नहीं  कतराते . वो  जानते  हैं  कि  व्यर्थ  का  ego उनकी  life को  complex बनाएगा  इसलिए  वो  “Sorry” बोलने  में  कभी  कंजूसी  नहीं  करते . मुझसे  भी जब गलती होती है तो मैं  कभी  उसे  सही  ठहराने  की  कोशिश  नहीं करता  और  उसे  स्वीकार  कर  के  क्षमा  मांग  लेता  हूँ .
माफ़  करना  और  माफ़ी  माँगना  आपके  दिमाग  को  हल्का  करता  है , आपको  बेकार   की  उलझन  और  परेशान  करने  वाली  thoughts से  बचाता  है , और  as a result आप  खुश  रहते  हैं .
Habit 3: खुश  रहने  वाले  लोग  अपने  चारो  तरफ  एक  strong support system develop करते  हैं :
ये   support system दो  pillars पे  टिका  होता  है  Family and Friends( F&F). ज़िन्दगी  में  खुश  रहने  के  लिए   F&F का  बहुत  बड़ा  योगदान  होता  है . भले  आपके  पास  दुनिया  भर  की  दौलत  हो  , शोहरत  हो  लेकिन  अगर  F&F नहीं  है  तो  आप  ज्यादा  समय  तक  खुश  नहीं  रह  पायेंगे .
हो  सकता  है  ये  आपको  बड़ी  obvious सी  बात  लगे , ये  लगे  की  आपके  पास  भी  बड़े  अच्छे  दोस्त   हैं  और  बहुत  प्यार  करने  वाला  परिवार  है , लेकिन  इस  पर  थोडा  गंभीरता  से  सोचिये . आपके  पास  ऐसे  कितने   friends हैं , जिन्हें  आप  बिना  किसी  झिझक  के  रात  के  3 बजे  भी  phone कर  के  उठा सकें  या कभी भी financial help ले सकें?
Family and friends को  कभी  भी for granted नहीं  लेना  चाहिए , एक  strong relationship बनाने  के  लिए  आपको  अपने  हितों  से  ऊपर  उठ  कर  देखना  होता  है . , दूसरे  की  care करनी  होती  है , और  उन्हें   genuinely like करना  होता  है . जितना  हो  सके  अपने  रिश्तों  को  बेहतर  बनाएं  , छोटी -छोटी  चीजें  जैसे  कि  Birthday wish करना, बधाई  देना , सच्ची  प्रशंशा  करना , मुस्कुराते  हुए  मिलना , गर्मजोशी  से  हाथ  मिलाना , गले  लगना  आपके  संबंधों  को  प्रगाढ़  बनता  है . और  जब  आप  ऐसा  करते  हैं  तो  बदले  में  आपको  भी  वही  मिलता  है और  आपकी  ज़िन्दगी  को  खुशहाल  बनाता  है .
Habit 4: खुश  रहने  वाले  अपने  मन  का  काम  करते  हैं  या  जो  काम  करते  हैं  उसमे  मन  लगाते हैं :
यदि  आप  अपने  interest का,  अपने  मन  का  काम  करते  हैं  तो  definitely वो  आपके  Happiness Quotient को  बढ़ाएगा ,  लेकिन  ज्यादातर  लोग  इतने  lucky नहीं  होते , उन्हें  ऐसी  job या  business में  लगना   पड़ता  है  जो  उनके  interest के  हिसाब  से  नहीं  होतीं . पर  खुश  रहने  वाले  लोग  जो  काम  करते  हैं  उसी  में  अपना  मन  लगा  लेते  हैं , भले  ही  parallely वो  अपना  पसंदीदा  काम   पाने  का  प्रयास  करते  रहे .
मैंने  कई  बार  लोगों  को जहाँ job करते हैं उस  company की  बुराई  करते  सुना  है , अपने  काम  को  दुनिया  का  सबसे  बेकार  काम  कहते  सुना  है , ऐसा  करना  आपकी  life को  और  भी  difficult बनता  है . खुश  रहने  वाले  अपने  काम  की  बुराई  नहीं  करते  , वो  उसके   सकारात्मक  पहलुओं  पर  focus करते  हैं  और  उसे  enjoy करते  हैं .
मगर  , यहाँ  मैं  यह  ज़रूर  कहना  चाहूँगा  कि   यदि  हम  दुनिया  के  सबसे  खुशहाल  लोगों को देखें  तो  वो  वही लोग  होंगे  जो  अपने  मन  का  काम  करते  हैं , इसलिए  यदि  आप  जो  कर  रहे  हैं  उसे   enjoy करना  , उससे   सीखना  अच्छी  बात  है   पर  Steve Jobs  की कही बात भी याद रखिये: “आपका काम आपकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा होगा, और truly-satisfied होने का एक ही तरीका है की आप वो करें जिसे आप सच-मुच एक बड़ा काम  समझते हों…और बड़ा काम करने का एक ही तरीका है की आप वो करें जो करना आप enjoy करते हों.”
Habit 5: खुश  रहने  वाले  हर  उस  बात  पर  यकीन  नहीं  करते  जो  उनके  दिमाग  में  आती  हैं :
Scientists के अनुसार  हमारा  brain हर  रोज़  60,000 thoughts produce करता  है  , और  एक  आम  आदमी  के  case में  इनमे  से  अधिकतर  thoughts negative होती  हैं . अगर  आप  daily अपने  brain को  हज़ारों  negative thoughts से  feed करेंगे  तो  खुश  रहना  तो  मुश्किल  होगा  ही . इसलिए  खुश  रहने  वाले  व्यक्ति   दिमाग  में  आ  रहे     बुरे  विचारों  को  अधिक  देर  तक  पनपने  नहीं  देते . वो  benefit of doubt देना   जानते  हैं , वो  जानते  हैं  कि  हो  सकता  है  जो  वो  सोच  रहे  हैं  वो  गलत  हो  , जिसे  वो  बुरा  समझ  रहे  हैं  वो  अच्छा  हो . ऐसा  कर  के  इंसान  relax हो  जाता  है , दरअसल  हमारी  सोच  के  हिसाब  से  brain में  ऐसे  chemical release होते  हैं  जो  हमारे  मूड  को  खुश  या  दुखी  करते  हैं .
जब  आप  नकारात्मक  विचारों  को  सच  मान  लेते  हैं  तो  आप  का  blood pressure बढ़ने  लगता  है  और  आप  tensionize हो  जाते  हैं , वहीँ  दूसरी  तरफ  जब  आप  उस  पर  doubt कर  देते  हैं  तो  आप  अनजाने  में  ही  brain को  relaxed रहने  का  signal दे  देते  हैं .
Habit 6: खुश  रहने  वाले  व्यक्ति  अपने  जीवन  या  काम  को  किसी  बड़े  उद्देश्य  से जोड़ कर देखते हैं :
एक  बार  एक  बूढी  औरत  कहीं  से आ  रही  थी  कि  तभी  उसने  तीन  मजदूरों  को  कोई  ईमारत बनाते  देखा  . उसने  पहले  मजदूर  से  पूछा  ,” तुम  क्या  कर  रहे  हो  ?”, “ देखती  नहीं  मैं  ईंटे  ढो   रहा  हूँ .” उसने  जवाब  दिया .
फिर  वो  दुसरे  मजदूर  के  पास  गयी  और उससे  भी  वही  प्रश्न किया ,” तुम  क्या  कर  रहे  हो ?” ,” मैं  अपने  परिवार  का  पेट  पालने  के  लिए  मेहनत – मजदूरी  कर  रहा  हूँ ?’ उत्तर  आया  .
फिर वह  तीसरे  मजदूर  के  पास  गयी  और  पुनः  वही  प्रश्न   किया ,” तुम  क्या  कर  रहे  हो ?,
उस  व्यक्ति  ने  उत्साह  के  साथ  उत्तर  दिया , “ मैं  इस  शहर  का  सबसे  भव्य   मंदिर  बना  रहा  हूँ ”
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इन तीनों में से कौन  सबसे अधिक खुश होगा!
दोस्तों, इस  मजदूर  की  तरह  ही  खुश  रहने  वाले  व्यक्ति  अपने  काम   को  किसी  बड़े  उद्देश्य   से  जोड़   कर  देखते  हैं , और   ऐसा  करना  वाकई  उन्हें  आपार  ख़ुशी  देता  है . ऐसा  मैं  इसलिए  भी  कह  पा  रहा  हूँ  क्योंकि  मैं  aapkijaankari.blogspot.in को  भी  कुछ  इसी  तरह  देखता  हूँ .  मैं  ये  सोचता  हूँ  कि  इस  site के  जरिये  मैं  लाखों -करोड़ों  लोगों  की  ज़िन्दगी  को  बेहतर  बना  सकता  हूँ . मैं  हमेशा  यही  प्रयास  करता  हूँ  कि  कैसे  अच्छी  से  अच्छी  बातें  share करूँ  कि  पढने  वालों  की  life में  positive changes आएं , और  शायद  यही  वज़ह  है  कि  मैं  इस  काम   से  कभी  थकता  नहीं  हूँ  और  इसे  कर  के  सचमुच  बहुत  खुश  और  संतुष्ट  होता  हूँ .
Habit 7: खुश  रहने  वाले व्यक्ति अपनी  life में  होने  वाली  चीजों  के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं :
खुश  रहने वाले व्यक्ति  responsibility लेना  जानते  हैं . अगर  उनके  साथ  कुछ  बुरा  होता  है  तो  वो  इसका  blame दूसरों  पर  नहीं  लगाते , बल्कि  खुद  को  इसके  लिए  जिम्मेदार  मानते  हैं .For example:अगर  वो  office के  लिए  late होते  हैं  तो  traffic jam को  नहीं  कोसते  बल्कि  ये  सोचते  हैं  कि  थोडा  पहले  निकलना  चाहिए  था .
अपनी  success का  credit दूसरों  को  भले  दे  दें  लेकिन  अपनी  failure के लिए खुद को ही जिम्मेदार मानें  . जब  आप  अपने  साथ  होने  वाली  बुरी  चीजों  के  लिए  दूसरों  को  दोष  देते  हैं  तो  आपके  अन्दर  क्रोध  आता  है , पर  जब  आप  खुद  को  जिम्मेदार  मान  लेते  हैं  तो  आप  थोडा  disappoint होते  हैं  और  फिर चीजों  को  सही करने के प्रयास में जुट जाते हैं . मैं  खुद   भी  अपनी  life में  होने  वाली  हर  एक  अच्छी  – बुरी  चीज  के  लिए  खुद  को  जिम्मेदार  मानता  हूँ . ऐसा  करने  से  मेरी  energy दूसरों  में  fault खोजने  की  जगह  खुद  को  improve करने  में  लगती  है , और  ultimately मेरी  happiness को  बढाती  है .
Friends, हो  सकता  है  आप  इनमे  से  कुछ बातों  को  already follow करते  हों  partially या  शायद  पूरी  तरह  से . पर  यदि  किसी  भी  Habit में  खुद  को  थोडा  सा   भी  improve करेंगे  तो  वो  definitely आपकी  happiness को  बढ़ाएगा . Personally मुझे  Habit 2 में  माफ़  करने  वाले  part को  improve करना  है .  तो  चलिए  हम  सब  साथ -साथ  अपने  Happiness Quotient को  बढ़ाते  हैं  और  एक  खुशहाल  जीवन  जीने  का  प्रयास  करते  हैं .
All the best! :)

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शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

हार्दिक शूभकामनाएं

आपकीजानकारी.ब्लाग्सपौट.ईन के सभी पाठको को

69 वें स्वतंत्रता दिवस

की हार्दिक शुभकामनाएं 

स्वतंत्रता दिवस Independence Day in Hindi

HAPPY INDEPENDENCE DAY

धन्यवाद.....

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