गुरुवार, 4 अगस्त 2016

लीडर बनना है तो इन 6 बातों का रखना पड़ेगा पूरा ध्यान

    दुनिया कैसी होगी और कैसे चलेगी आखिर इसे दिशा कैसे मिलती है। वो लीडर्स ही होते हैं जिनके दिखाए रास्ते पर आज दुनिया इस मुकाम तक पहुंची है। 12 से ज्यादा किताबें लिख चुके प्रसिद्ध लीडरशिप एक्सपर्ट रॉबिन शर्मा बता रहे हैं कि लीडरशिप स्किल और सफलता के लिए किन चीज़ों का ख्याल रखना होता है।
दुनिया को हिला देने जैसा कुछ काम करने की तमन्ना हर दिल में होती है, लेकिन इसे अंजाम देने के लिए जिस शिद्दत से कोशिश होनी चाहिए, अकसर उसमें कसर रह जाती है। बड़ा काम करने के लिए जरूरी है एक तय समय के लिए उसमें खुद को डुबो देना और ध्यान भटकाने वाली चीजों के दायरे से खुद को दूर रखना।
अगर आप अपनी जिंदगी में अब तक का सबसे सर्वश्रेष्ठ काम करना चाहते हैं और उम्मीद रखते हैं कि आपकी प्रतिभा का अक्स सारी दुनिया देखे, तो यह संदेश आपके लिए बेशकीमती है। पांच मिनट का समय निकालिए, अपने फोन के नोटिफिकेशंस बंद कीजिए, खुल कर सांस लीजिए और अपना ध्यान केंद्रित करिए इस लेख पर, जो कि मेरी कई सालों की मेहनत का परिणाम है। मेरे पास बहुत सारे लोग आते हैं जो जिंदगी में कोई बड़ा काम करना चाहते हैं। कोई बिजनेस एंपायर खड़ा करना चाहता है, कोई क्रिएटिव क्षेत्र में झंडे गाड़ना चाहता है। हाल में एक नई किताब पर काम करते हुए मुझे कई नियमों को समझने का मौका मिला, जो किसी बड़े प्रोजेक्ट या लक्ष्य को पूरा करवाने में मददगार होते हैं। ऐसे ही कुछ नियम हैं..
अपने खोल से बाहर निकलें 
आप अपने शहर में और अपने रुटीन की जिंदगी में बंधे रह कर बेहतरीन काम नहीं कर सकते। जब मुङो कोई खास काम करना होता है तो मैं किसी अच्छे होटल के कमरे में एक हफ्ते तक ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ का बोर्ड लगाए रहता हूं। अपने सारे गैजेट्स को एक प्लास्टिक बैग में रख देता हूं। जब जरूरत होती है तो कुछ खाने के लिए ऑर्डर कर देता हूं, जब थक जाता हूं तो सो जाता हूं, जब वर्कआउट की जरूरत महसूस होती है, तो वर्कआउट कर लेता हूं। मेरा मानना है कि ऐसी जगहों पर आप एकांत पा सकते हैं। अपनी ट्रांजिएंट हाइपोफ्रंटैलिटी (जीनियस होने की न्यूरोबायोलॉजिकल स्थिति, जो हम सभी के पास होती है, पर जिसे महसूस करना और जिसके असर में आकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना कुछ ही जानते हैं) को जान पाते हैं। 
उपलब्ध न रहने का तमगा इतना भी बुरा नहीं
आपकी सामाजिक जिंदगी है। आप काफी व्यस्त रहते हैं। लोग आपकी सलाह को तवज्जो देते हैं। मैं इसे गलत नहीं कहता, पर यह भी सच है कि ये आपका ध्यान भटकाने वाली चीजें हैं, जो आपको जीनियस बनने से रोक रही हैं। अगर आप अपने आस-पास घट रही हर छोटी-छोटी घटना पर ध्यान नहीं देंगे तो भी दुनिया का काम चलता रहेगा। दरअसल आप जो मास्टरपीस बनाना चाहते हैं, उसके बनने की प्रक्रिया ज्यादा अहम है। उसे बनाने के लिए एक तय वक्त के लिए बाहरी दुनिया से कट जाइए। आप पाएंगे कि जेहन में खुद-ब-खुद रचनात्मक विचार आ रहे हैं। 
स्पार्टा के सिपाही की तरह काम करें
अपने काम करने के कमरे में ध्यान भटकाने वाले फैंसी गैजेट्स व मनोरंजक पत्र-पत्रिकाएं न रखें। खाने-पीने की लजीज चीजों को हटवा दीजिए। अब आप एक स्पार्टा के सिपाही की तरह हैं। जिसे दुनिया वाले आपके काम करने का कमरा समझते हैं, उसे अपने काम में ध्यान लगाने के लिए एक मठ बना लीजिए। मशहूर वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने मेनलो पार्क नामक जगह पर अपनी लेबोरेटरी बनाई थी। यहीं पर उन्होंने बल्ब और फोनोग्राफ का अविष्कार किया था। मान लीजिए कि आप एडिसन हैं। आपका कमरा मेनलो पार्क वाली रिसर्च लेबोरेटरी। यही वह जगह है, जहां आप विचारों को पनपने का मौका देते हैं। अपने सिद्धांतों पर अमल करते हैं।
काम में लय पैदा करें
अपनी किताब ‘दि फाइव एएम क्लब’ लिखने के दौरान मैंने यूरोप के एक छोटे से कस्बे में प्रचलित काम करने का एक अनूठा तरीका अपनाया। मैं सुबह सोकर उठता, कॉफी पीता और लिखने में जुट जाता। सुबह के ताजगी भरे माहौल में तीन घंटे जमकर लिखने के बाद मैं तालाब के पास दौड़ लगाने जाता। फिर कुछ देर जिम में वर्कआउट करने के बाद लंच में हल्का खाना खाकर फिर लेखन में जुट जाता। कुछ और घंटों के बाद मैं 60 मिनट की वॉक पर निकलता। शाम को मनपसंद खाना खाता। मैं ऐसा हर दिन करता हूं। मुङो लगता है कि काम करने का जो तरीका मेरी कार्यक्षमता बढ़ा रहा है, वह आपकी भी बढ़ाएगा। 
अपनी प्रेरणा के स्त्रोत तलाशें
सात दिनों तक लगातार लिखने के बाद मैं खुद को रीचार्ज करना चाह रहा था। मैंने आईपैड उठाया और वसंत में खिलने वाले फूलों की तस्वीरें खींचीं, धूप का मजा लिया, स्थानीय होटल में खाना खाया। कला प्रदर्शनी देखी। ऐसा करने पर मुझे खुशी मिली। अगर काम करते हुए दोस्तों से बात करने या झपकी लेने का मन करे तो विचलित न हों। इन्हें अपनी सफलता में रोड़ा न बनने दें। आपके करीबी आपको सफल देखना चाहते हैं। जब आपका सितारा चमकेगा तो उनकी जिंदगी भी रोशन हो उठेगी।
अपनी जीत पर खुद को दें इनाम
एक क्रिएटिव प्रोफेशनल के रूप में काम करते हुए मैंने पिछले 25 सालों से टेलीविजन नहीं देखा। इन 25 सालों में सिर्फ मेरा परिवार, फिटनेस, व्यक्तिगत विकास और मेरी रचनात्मकता ही मेरी प्राथमिकता रहीं। मैं ऐसा शोहरत या पैसा पाने के लिए नहीं करता। मैं इसलिए करता हूं, क्योंकि ये मेरी जरूरत है। मेरा दिल मुझसे ऐसा करवाता है। मुझे बस यही आता है। इस यात्र के दौरान मैं दिन भर लिखने के बाद अपना पसंदीदा खाना खाता था। यही मेरा इनाम होता था। उम्मीद है आपको यह पढ़ते समय वही पैशन महसूस हुआ होगा, जो मुझे इसे लिखते समय महसूस हुआ। अपने अंदर की आग को पहचानिए। उसे दुनिया के सामने लेकर आइए। इतिहास रचिए।
     Best Of Luck ...................,

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